फलादेश
फलादेश के कुछ नियम =
आज ज्योतिष के फलादेश के नियम या सूत्र की बात करे तो सबसे पहले तो किसी भी भाव मे कोई भी राशि हो तो , उस राशि का स्वामी ही भावेश कहलाता है अतः तो 6 ,8,12 भाव के स्वामी के स्वामी जिन भावो में रहते है तो अनिष्टकारी होते है मगर यह 6-8-12 में हो तो अनिष्ट को भग करके राजयोग कारक होता है किसी भाव का स्वामी स्वराशि , या स्वग्रही हो उस भाव स्थान का अच्छा फल मिलता है 11 भाव मे सभी ग्रह शुभ दायक होते है परंतु यह शुभ फल होता है सिर्फ आय के लिए होता है हेल्थ के लिए इस भाव के स्वामी हमेसा कष्ट देते है पर आय के लिए शुभ फल होता है किसी भाव का स्वामी पाप ग्रह हो और वह लग्न से तीसरे भाव मे जाए तो अच्छा फल होता है पर यह शुभ ग्रह हो तो मध्यम फल होता है जिस भाव मे शुभ ग्रह होता है उसकी वृद्धि होती है अच्छा फल मिलता है और जिस भाव मे पाप ग्रह रहता हो उस भाव के थोड़े फल मिलता ह
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